टीकमगढ़ में रिश्वत का खेल, सरपंच ने खोली पोल

रोहित राजवैद्य
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टीकमगढ़ न्यूज़। टीकमगढ़ जिले की पंचायत जतारा एक बार फिर चर्चाओं में है। इस बार मामला ग्राम पंचायत सतगुवा में हुए भारी भ्रष्टाचार से जुड़ा है। पंचायत की महिला सरपंच संगीता यादव ने ग्रामीणों के साथ मिलकर कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर को शिकायती पत्र सौंपा। इसमें उन्होंने जनपद के उच्च अधिकारियों पर रिश्वत मांगने, काम का मूल्यांकन न करने और पंचायत को ठेके पर देने के लिए दबाव बनाने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं।



11 लाख की रिश्वत लेने के बाद भी नहीं किया मूल्यांकन

संगीता यादव ने बताया कि साल 2022 में पंचायत में 80 लाख रुपये की लागत से विकास कार्य कराए गए थे। इन कार्यों में तालाब निर्माण, डग प्वाइंट और परकुलेशन टैंक जैसे महत्वपूर्ण निर्माण शामिल थे। सरपंच का आरोप है कि जनपद सीईओ सिद्ध गोपाल वर्मा और ग्राम पंचायत के उपयंत्री संतोष परिहार ने इन कार्यों के मूल्यांकन के लिए 11 लाख रुपये रिश्वत के रूप में मांगे और लिए भी, लेकिन इसके बावजूद आज तक मूल्यांकन नहीं किया गया।


मस्टर रोल शून्य, मजदूरों को नहीं मिली मजदूरी

ग्रामीणों ने बताया कि जिन कार्यों में उन्होंने मजदूरी की, उनकी मजदूरी अब तक नहीं मिली। सरपंच के अनुसार करीब 30 लाख रुपये के मस्टर रोल डाले गए थे, लेकिन सीईओ द्वारा उन्हें शून्य कर दिया गया। इससे मजदूरी की राशि अटक गई और गांव के मजदूर आजीविका के लिए पलायन करने पर मजबूर हो गए हैं।


ठेका व्यवस्था थोपने की कोशिश

सरपंच संगीता यादव ने यह भी आरोप लगाया कि अब पंचायत में विकास कार्यों को ठेके के माध्यम से कराने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। जब उन्होंने इसका विरोध किया और मूल्यांकन की मांग की, तो अधिकारियों ने उन्हें परेशान करना शुरू कर दिया। यहां तक कि बिना किसी जांच या त्रुटि के उन्हें धारा 40 का नोटिस थमा दिया गया।


कांग्रेस ने खोला मोर्चा

इस मामले में कांग्रेस भी पूरी तरह सक्रिय हो गई है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष नवीन साहू ने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है, जिसमें जनपद अधिकारी रिश्वत लेने और विकास कार्यों में बाधा डालने के दोषी हैं। कांग्रेस इस विषय में कलेक्टर से मिलकर जांच की मांग करेगी और दोषियों पर सख्त कार्यवाही की अपेक्षा रखेगी।


वहीं कांग्रेस प्रदेश सचिव किरण अहिरवार ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि एक तरफ सरकार महिला सशक्तिकरण की बात करती है, वहीं दूसरी ओर एक महिला सरपंच को प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि समय रहते जांच नहीं हुई और दोषियों पर कार्रवाई नहीं की गई, तो कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर बड़ा आंदोलन खड़ा करेगी।


सरकार की चुप्पी पर उठे सवाल

जतारा विधानसभा में भाजपा के विधायक हैं, ऐसे में विपक्ष ने सवाल उठाए हैं कि आखिर जनपद में खुलेआम भ्रष्टाचार होने पर भी सरकार और जनप्रतिनिधि चुप क्यों हैं? कांग्रेस नेताओं ने कहा कि पंचायतों में भ्रष्टाचार का यह एक उदाहरण भर है, जबकि कई पंचायतों में इसी तरह का खेल चल रहा है, जिसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।


(अनिल श्रीवास की रिपोर्ट) Bundelivarta.com 

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