झांसी न्यूज़ | झांसी में बुधवार को ईद-उल-फित्र और चैत्र नवरात्र को लेकर शहर कोतवाली में शांति समिति की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में हिंदू और मुस्लिम समुदाय के प्रमुख लोग शामिल हुए। प्रशासन ने सभी नागरिकों से अपील की कि वे त्योहारों को शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण माहौल में मनाएं।
सुविधाओं की मांग, ट्रैफिक और सफाई पर जोर
बैठक में मौजूद समाज के प्रतिनिधियों ने त्योहारों के मद्देनजर शहर में पानी, बिजली और साफ-सफाई की उचित व्यवस्था की मांग की। मुस्लिम समाज के लोगों ने प्रशासन से अनुरोध किया कि ईद की नमाज सुबह होती है, इसलिए यातायात व्यवस्था सुचारू होनी चाहिए, जिससे लोगों को मस्जिदों और ईदगाह पहुंचने में कोई परेशानी न हो। वहीं, हिंदू समाज के लोगों ने बताया कि नवरात्र के दौरान मंदिरों में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ जाती है, इसलिए मंदिरों के आसपास सफाई की समुचित व्यवस्था की जाए।
झांसी की गंगा-जमुनी तहजीब की सराहना
बैठक में दोनों समुदायों के लोगों ने झांसी को सौहार्द की मिसाल बताते हुए कहा कि यह शहर हमेशा से भाईचारे का प्रतीक रहा है। उन्होंने कहा कि झांसी में हिंदू-मुस्लिम मिलकर त्योहार मनाते आए हैं और यह परंपरा आगे भी कायम रहेगी।
इतिहास से जुड़ी सौहार्द की मिसाल
बैठक में मौलाना साबिर कासमी ने कहा कि झांसी में हिंदू-मुस्लिम एकता का इतिहास बहुत पुराना है। उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान रानी लक्ष्मीबाई ने सभी धर्मों को एकजुट किया था। इसी तरह, राजा गंगाधर राव द्वारा होली के अवसर पर कोतवाल जलाने की परंपरा शुरू की गई थी, और मोहर्रम में झांसी के ताजिए की परंपरा भी इसी आपसी सौहार्द को दर्शाती है।
प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी
बैठक में सिटी मजिस्ट्रेट प्रमोद झा, सीओ सिटी स्नेहा तिवारी, कोतवाल राजेश पाल, मुफ़्ती साबिर कासमी, काजी मोहम्मद हाशिम, एड. नूर अहमद मंसूरी, एड. याकूब अहमद मंसूरी समेत कई गणमान्य लोग और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।
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(रोहित राजवैद्य की रिपोर्ट) Bundelivarta.com