झांसी में 9वीं कक्षा के एक छात्र ने परीक्षा के डर से आत्महत्या कर ली। उसने सुबह सिरदर्द का बहाना बनाकर स्कूल जाने से मना कर दिया था, लेकिन जब दोपहर में स्कूल से पिता के पास फोन आया, तो वह घबरा गया और कमरे में जाकर फांसी लगा ली। परिवार वालों ने उसे अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
सिरदर्द का बहाना बनाकर घर पर रुका, फोन आते ही घबरा गया
सदर बाजार के क्वार्टर नंबर 17 में रहने वाले रविकांत वाल्मीकि नगर निगम में संविदा सफाई कर्मी हैं। उनका 14 वर्षीय इकलौता बेटा अनिकेत वाल्मीकि शहर के एक प्राइवेट स्कूल में 9वीं कक्षा में पढ़ता था। शनिवार को स्कूल में टेस्ट था, लेकिन अनिकेत ने सिरदर्द की शिकायत कर स्कूल जाने से मना कर दिया।
सुबह माता-पिता अपने-अपने काम पर चले गए, घर पर सिर्फ अनिकेत और उसकी छोटी बहन बिट्टू थे। दोपहर में जब स्कूल से उसके पिता के पास फोन आया, तो अनिकेत घबरा गया। वह सीधे अपने कमरे में गया और पंखे से फांसी लगा ली।
बहन ने देखा तो चिल्लाते हुए बाहर भागी
कुछ देर बाद जब छोटी बहन बिट्टू कमरे में गई, तो उसने अनिकेत को फंदे से लटका हुआ देखा। यह देखकर वह घबरा गई और चिल्लाते हुए बाहर भागी। उसकी आवाज सुनकर घर के अन्य सदस्य दौड़कर पहुंचे। जब तक परिजन पहुंचे, अनिकेत की सांसें चल रही थीं।
अस्पताल पहुंचने से पहले ही तोड़ा दम
परिवार के लोग तुरंत अनिकेत को झांसी मेडिकल कॉलेज ले गए, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलने पर सदर बाजार थाना पुलिस भी अस्पताल पहुंची। पुलिस ने बताया कि अनिकेत के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।
पुलिस कर रही जांच, एग्जाम का तनाव वजह या कुछ और?
फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। शुरुआती जांच में परीक्षा का डर आत्महत्या की वजह माना जा रहा है, लेकिन अन्य पहलुओं की भी जांच की जा रही है। अनिकेत के माता-पिता और स्कूल प्रबंधन से भी पूछताछ की जाएगी, ताकि आत्महत्या के पीछे की असली वजह सामने आ सके।
(रोहित राजवैद्य की रिपोर्ट) Bundelivarta.com