ललितपुर: भ्रष्टाचार निवारण संगठन (एंटी करप्शन टीम) झाँसी मंडल की ट्रैप टीम ने बानपुर में एक बिजली लाइनमैन को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई शुक्रवार शाम इंडियन ऑयल पेट्रोल पंप के पास हुई, जब लाइनमैन सोबरन प्रजापति को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा गया। इस मामले में जेई धर्मेंद्र प्रजापति की तलाश जारी है।
कैसे हुआ खुलासा?
बानपुर निवासी सुखलाल विश्वकर्मा की कस्बे में फर्नीचर की दुकान है, जिसका बिजली कनेक्शन उनके नाम पर है। कुछ दिन पहले बिजली विभाग के जेई धर्मेंद्र प्रजापति और लाइनमैन सोबरन प्रजापति उनकी दुकान पर पहुंचे और वहां बिजली कटिया (गैरकानूनी कनेक्शन) का वीडियो और फोटो बना लिया।
इसके बाद सुखलाल को बिजली विभाग के कार्यालय बुलाकर धमकाया गया कि उन पर बिजली चोरी का मुकदमा दर्ज किया जाएगा। इस मुकदमे से बचने के लिए 50 हजार रुपये की मांग की गई। जब सुखलाल ने मिन्नतें कीं, तो रिश्वत की रकम घटाकर 20 हजार रुपये कर दी गई और कहा गया कि पैसे देने पर वीडियो और फोटो डिलीट कर दिए जाएंगे।
रिश्वत लेते ही धर दबोचा गया
सुखलाल ने यह मामला भ्रष्टाचार निवारण संगठन झाँसी इकाई में दर्ज कराया। संगठन की ट्रैप टीम ने योजना बनाकर रिश्वतखोरी को रंगे हाथ पकड़ने का फैसला किया। तय योजना के अनुसार सुखलाल ने रिश्वत की रकम देने की बात मानी और जैसे ही लाइनमैन सोबरन प्रजापति ने 20 हजार रुपये लिए, टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
जेई धर्मेंद्र प्रजापति पर केस दर्ज, पुलिस की तलाश जारी
इस मामले में थाना बानपुर में मु.अ.सं. 43/2025 धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित 2018) के तहत मामला दर्ज किया गया है। मुख्य आरोपी लाइनमैन सोबरन प्रजापति को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि जेई धर्मेंद्र प्रजापति फिलहाल फरार हैं।
बिजली विभाग के अधिकारियों द्वारा रिश्वतखोरी का यह मामला विभागीय भ्रष्टाचार की पोल खोलता है। सवाल यह है कि ऐसे मामलों में ऊँचे पदों पर बैठे अधिकारियों की क्या भूमिका है और कब तक आम जनता को ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों का शिकार होना पड़ेगा?
(रोहित राजवैद्य की रिपोर्ट) Bundelivarta.com