राष्ट्रपति तक शिकायत
झांसी के रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के चांसलर और वीसी के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। शिकायतकर्ता ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री कार्यालय समेत कई उच्च अधिकारियों को शिकायती पत्र भेजकर जांच की मांग की है।
चांसलर की नियुक्ति पर सवाल
शिकायतकर्ता ने विश्वविद्यालय के चांसलर प्रो. पंजाब सिंह की नियुक्ति पर सवाल उठाया है। प्रो. पंजाब सिंह पिछले 11 सालों से इस पद पर बने हुए हैं, जबकि नियमों के अनुसार चांसलर की नियुक्ति 3 साल के लिए होती है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि प्रो. पंजाब सिंह, जो दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी सिंह के ससुर हैं, अपने राजनीतिक प्रभाव के कारण नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।
वित्तीय अनियमितता और भर्ती में भ्रष्टाचार
विश्वविद्यालय के कुलपति (वीसी) पर भी गंभीर आरोप लगे हैं। वीसी पर वित्तीय अनियमितता और भर्ती में भ्रष्टाचार के आरोप हैं। शिकायतकर्ता के अनुसार, विश्वविद्यालय में भर्ती प्रक्रिया में रोस्टर का उल्लंघन किया गया है और कई गलत नियुक्तियां हुई हैं।
कुलपति का खंडन
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अशोक कुमार सिंह ने सभी आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि सभी भर्तियां नियमों के अनुसार हुई हैं और किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं हुई है।
आरोपों का विवरण
* चांसलर की नियुक्ति: प्रो. पंजाब सिंह, जो दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी सिंह के ससुर हैं, 11 साल से चांसलर के पद पर हैं। नियमों के अनुसार, चांसलर की नियुक्ति 3 साल के लिए होती है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि प्रो. पंजाब सिंह अपने राजनीतिक प्रभाव के कारण नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।
भर्ती में गड़बड़ी
भर्ती रोस्टर का उल्लंघन किया गया है। रजिस्ट्रार पद पर लाइब्रेरियन की नियुक्ति की गई है। एक विभाग में एक ही जाति के संकाय सदस्यों की नियुक्ति की गई है।
वित्तीय अनियमितता
विश्वविद्यालय की स्थापना से अब तक वित्त नियंत्रक नहीं है। वैज्ञानिकों को वित्तीय कार्यभार सौंपा गया है, जो नियमों के खिलाफ है।
अन्य आरोप
वेटरनरी कॉलेज में बिना छात्रों के स्टाफ को वेतन दिया जा रहा है।निदेशक विस्तार शिक्षा पद पर 63 साल के व्यक्ति की 5 साल के लिए नियुक्ति की गई है, जबकि नियमों के अनुसार इस पद के लिए अधिकतम आयु सीमा 57 वर्ष है।
कुलपति का जवाब
कुलपति डॉ. अशोक कुमार सिंह ने सभी आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि सभी भर्तियां नियमों के अनुसार हुई हैं और निदेशक विस्तार शिक्षा की नियुक्ति योग्यता के आधार पर की गई है।
झांसी कृषि विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार के आरोपों ने संस्थान की प्रतिष्ठा को खतरे में डाल दिया है। इन आरोपों की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
(रोहित राजवैद्य की रिपोर्ट) Bundelivarta.com