महोबा में राज्य कर विभाग ने एक बड़े जीएसटी घोटाले का पर्दाफाश किया है। विभागीय जांच में पता चला है कि पांच प्रमुख व्यापारिक फर्मों ने ठेकेदारों के साथ मिलकर बिना किसी वास्तविक लेन-देन के फर्जी बिल बनाकर लगभग 18 करोड़ रुपये की कर चोरी की है।
फर्जी बिलिंग का खेल
जांच में सामने आया कि अतुलबाबू, पीतांबरा सप्लायर्स, प्रेम बिल्डिंग सप्लायर्स और कामदगिरि ट्रेडर्स जैसी कंपनियों ने कागजों में करोड़ों रुपये की फर्जी बिलिंग दिखाई। इन फर्मों ने न तो कोई सामान खरीदा और न ही बेचा, लेकिन ठेकेदारों को फर्जी बिल जारी कर दिए।
करोड़ों की टैक्स चोरी:
जांच में यह भी पता चला कि ठेकेदारों ने इन फर्जी बिलों के आधार पर जीएसटी का लाभ तो लिया, लेकिन फर्मों ने यह राशि सरकारी खजाने में जमा नहीं की। इस तरह से लगभग 18 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की गई।
कंपनियां होंगी ब्लैकलिस्ट
उपायुक्त राज्य कर नीरज सेंगर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी दोषी फर्मों को ब्लैकलिस्ट करने का निर्णय लिया है। पुलिस अधीक्षक पलाश बंसल के निर्देश पर कुलपहाड़ सीओ हर्षिता गंगवार मामले की जांच कर रही हैं।
और भी फर्मों के नाम आ सकते हैं सामने
विभाग का मानना है कि जांच में और भी कई फर्मों के नाम सामने आ सकते हैं। इस घोटाले के खुलासे से क्षेत्र के व्यापारियों में हड़कंप मच गया है।
यह घटना जीएसटी प्रणाली में खामियों को उजागर करती है। इस तरह के घोटालों से सरकारी खजाने को भारी नुकसान होता है।
(रोहित राजवैद्य की रिपोर्ट) Bundelivarta.com