ललितपुर न्यूज़ | ब्लॉक मुख्यालय बार कस्बा इन दिनों नालियों में जमी गंदगी और बदहाल सफाई व्यवस्था के चलते गंभीर स्वास्थ्य संकट की ओर बढ़ रहा है। कस्बे की शायद ही कोई नाली ऐसी बची हो जो कचरे से अटी न पड़ी हो। जगह-जगह नालियां जाम हैं, जिनमें गंदा पानी भरा है और मच्छरों की भरमार हो गई है।
सफाई व्यवस्था बदहाल, कर्मचारी नदारद
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि सफाईकर्मी कभी-कभार ही नजर आते हैं। वे अधिकतर समय सरकारी संस्थानों की सफाई या अधिकारियों के इर्द-गिर्द नजर आते हैं। कुछ सफाईकर्मी तो अधिकारियों की गाड़ी चलाते हैं या दिनभर दफ्तरों में जमे रहते हैं। नालियों की सफाई नियमित न होने से गंदगी और बढ़ गई है।
ग्रामीण भी जिम्मेदार
कुछ हद तक ग्रामीणों की लापरवाही भी इस गंदगी के लिए जिम्मेदार है। कई लोग नालियों में ही घर का कचरा फेंकना आम बात मान बैठे हैं, जिससे नालियां पूरी तरह जाम हो चुकी हैं और गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है।
नहीं होता डीडीटी का छिड़काव
चौंकाने वाली बात यह है कि ब्लॉक मुख्यालय होने के बावजूद मच्छरों के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए भी डीडीटी का छिड़काव नहीं कराया गया है। पहले ग्रामीण इलाकों में भी डीडीटी का छिड़काव नियमित रूप से होता था, लेकिन अब प्रशासन इस ओर पूरी तरह से उदासीन है।
बीमारियों का मंडरा रहा खतरा
नालियों में भरे गंदे पानी और मच्छरों के पनपने से मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, हैजा जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि जल्द सफाई नहीं हुई और मच्छरनाशक दवाओं का छिड़काव नहीं हुआ, तो हालात और भी भयावह हो सकते हैं।
प्रशासन की चुप्पी पर उठे सवाल
कई बार शिकायतें करने के बावजूद न तो सफाईकर्मियों की कार्यशैली में सुधार आया है और न ही प्रशासन ने कोई ठोस कदम उठाया है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या प्रशासन किसी बड़ी बीमारी के फैलने का इंतजार कर रहा है?
👉 ताजा ख़बरों के लिए व्हाट्सअप ग्रुप से जुड़ें
(रामलखन यादव की रिपोर्ट) Bundelivarta.com