टीकमगढ़ न्यूज़ | टीकमगढ़ जिले में अवैध कॉलोनियों के खिलाफ प्रशासन की बड़ी कार्रवाई देखने को मिल रही है। कलेक्टर विवेक श्रोत्रिय के निर्देश पर एसडीएम लोकेंद्र सिंह सरल ने ग्रामीण क्षेत्रों में चिन्हित 102 अवैध कॉलोनियों के खिलाफ नोटिस जारी किए हैं। इन कॉलोनियों को मप्र कॉलोनी विकास नियम 2014, नगर एवं ग्राम निवेश अधिनियम 1973 और मप्र भू-राजस्व संहिता 1959 के नियमों का उल्लंघन करते हुए बसाया गया था।
जारी किए गए नोटिस में उल्लेख किया गया है कि इन कॉलोनाइजरों ने न तो कॉलोनी बसाने की विधिवत अनुमति ली, न ही आवश्यक लेआउट का अनुमोदन कराया। कॉलोनी रजिस्टर्ड नहीं हैं और न ही आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए भूखंड आरक्षित किए गए हैं। इन नियमों की अनदेखी से शासन को लाखों की राजस्व हानि हुई है। प्रशासन ने सभी कॉलोनाइजरों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे तत्काल कार्य बंद करें और 4 जुलाई तक अपना लिखित जवाब प्रस्तुत करें।
नेताओं की कॉलोनियों पर नहीं गिरी गाज
जहां एक ओर ग्रामीण क्षेत्र की कॉलोनियों पर कार्रवाई हो रही है, वहीं शहरी क्षेत्र की कुछ प्रभावशाली कॉलोनियों को लेकर सवाल उठने लगे हैं। इंद्रपुरी और राजमहल क्षेत्र में बिना अनुमति कॉलोनी बसाई गई, लेकिन इनके खिलाफ अब तक कोई नोटिस नहीं भेजा गया।
इससे जनचर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। कई स्थानीय कॉलोनाइजरों और नागरिकों का आरोप है कि प्रशासन रसूखदार नेताओं और उनके परिजनों की कॉलोनियों पर आंखें मूंदे बैठा है। यदि प्रशासन वास्तव में निष्पक्षता से कार्रवाई करता है, तो शहर की कई वीआईपी कॉलोनियां इस दायरे में आनी चाहिए थीं।
प्रशासन पर उठे सवाल
जनता का कहना है कि अवैध कॉलोनियों की सूची में चयनात्मक रवैया अपनाया जा रहा है। यदि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है तो वह हर वर्ग के लिए समान होनी चाहिए — चाहे वह आम नागरिक हो या कोई नेता।
अब निगाहें 4 जुलाई पर
अभी सभी की निगाहें 4 जुलाई पर टिकी हैं, जब कॉलोनाइजरों को अपना पक्ष रखना है। देखना होगा कि प्रशासन उन पर क्या अगली कार्रवाई करता है और क्या जिन प्रभावशाली लोगों पर सवाल उठ रहे हैं, उनके खिलाफ भी निष्पक्षता से कदम उठाए जाएंगे या नहीं।
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(अनिल श्रीवास की रिपोर्ट) Bundelivarta.com