निवाड़ी न्यूज़। ओरछा के प्रसिद्ध श्री रामराजा मंदिर ट्रस्ट में कथित वित्तीय और प्रशासनिक गड़बड़ियों को लेकर दायर अवमानना याचिका पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट, जबलपुर ने सख्त रुख अपनाया है। न्यायमूर्ति अवनीन्द्र कुमार सिंह की एकलपीठ ने स्पष्ट किया है कि जांच के नाम पर वर्षों तक मामले को लंबित नहीं रखा जा सकता। कोर्ट ने ट्रस्ट की वर्तमान स्थिति को लेकर आगामी सुनवाई से पहले रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है।
2017 में दर्ज हुई थी एफआईआर, अब तक नहीं हुई ठोस कार्रवाई
याचिकाकर्ता नरेश चंद्र ऋच्छारिया ने कोर्ट में बताया कि श्री रामराजा मंदिर ट्रस्ट में कई वर्षों से अनियमितताएं हो रही हैं। वित्तीय और प्रशासनिक स्तर पर गंभीर आरोप हैं, लेकिन संबंधित विभागों द्वारा आज तक कोई निर्णायक कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने बताया कि इस संबंध में वर्ष 2017 में प्राथमिकी भी दर्ज हुई थी, लेकिन उसके बावजूद मामला जस का तस है।
कोर्ट का दो टूक संदेश – जांच लंबित नहीं रख सकते
कोर्ट ने पिछली सुनवाई में 7 मार्च 2024 को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि मामले को मेरिट के आधार पर देखा जाए और कार्रवाई की जाए। लेकिन प्रतिवादी पक्ष द्वारा अब तक सिर्फ कुछ जानकारियां जुटाने की बात कही गई है। न तो कोई चार्जशीट दाखिल हुई और न ही खातमा रिपोर्ट पेश की गई। कोर्ट ने इस ढीले रवैये पर नाराजगी जताई और कहा कि यदि कुप्रबंधन हुआ है, तो दोषियों के खिलाफ समयबद्ध कार्रवाई आवश्यक है।
23 जून से पहले मांगी गई स्थिति रिपोर्ट
न्यायालय ने मामले को अब 23 जून 2025 से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए सूचीबद्ध किया है। साथ ही आदेश दिया है कि अगली सुनवाई से पहले संबंधित विभाग पूरी स्थिति/अनुपालन रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत करें, ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।
इस प्रकरण पर हाईकोर्ट की निगरानी से मंदिर ट्रस्ट की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। यदि समय रहते रिपोर्ट नहीं आई, तो आगे की सुनवाई में और भी कड़ी टिप्पणी या आदेश आ सकते हैं।
(रोहित राजवैद्य की रिपोर्ट) Bundelivarta.com