टीकमगढ़ : दलित दूल्हे की घोड़ी पर चढ़ने से बवाल, दबंगों ने किया विरोध

रोहित राजवैद्य
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टीकमगढ़ न्यूज़ | टीकमगढ़ जिले के ग्राम मौखरा, थाना बड़ागांव अंतर्गत एक बार फिर जातिवादी मानसिकता ने सिर उठाया है। दलित समाज के एक युवक की बारात उस वक्त विवाद का कारण बन गई जब वह घोड़े पर सवार होकर विवाह स्थल के लिए निकला। यह घटना न केवल सामाजिक बराबरी की लड़ाई को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि किस तरह आज भी कुछ लोगों की सोच सामंतशाही और मनुवादी मूल्यों में जकड़ी हुई है।


पथराव करती महिला 


ग्रामीणों और पीड़ित परिवार के अनुसार, जैसे ही दलित दूल्हा परंपरा के अनुसार घोड़ी पर सवार हुआ, गांव के ही कुछ ऊंची जाति के लोगों ने आपत्ति जताई और इसका विरोध किया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को मौके पर पहुंचना पड़ा। पीड़ित पक्ष ने आरोप लगाया है कि उन्हें बारात निकालने से मना किया गया और सामाजिक बहिष्कार की धमकी भी दी गई।




क्या घोड़े पर चढ़ना अभी भी एक अपराध है?

दलित समुदाय से आने वाले युवाओं के लिए यह कोई पहली घटना नहीं है। देश के कई हिस्सों में आज भी जब कोई दलित युवक विवाह में घोड़ी पर चढ़ता है, तो यह कुछ लोगों को नागवार गुजरता है। यह घटना बताती है कि संविधान में समानता की गारंटी के बावजूद, ज़मीनी हकीकत अभी भी उस सोच से जूझ रही है जो कुछ वर्गों को आज भी दूसरे से नीचे देखना चाहती है।




प्रशासन की भूमिका पर उठे सवाल

स्थानीय लोगों ने सवाल उठाया है कि जब समाज के हर वर्ग को समान अधिकार हैं, तो फिर दलितों के साथ ही यह भेदभाव क्यों? पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर भी प्रश्न चिन्ह लगे हैं कि ऐसी घटनाओं को रोकने और पीड़ितों को सुरक्षा देने के लिए क्या पुख्ता इंतजाम हैं?


न्याय की मांग

पीड़ित परिवार ने माननीय मुख्यमंत्री और पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाई है। उन्होंने मांग की है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई हो, ताकि आने वाले समय में कोई भी परिवार ऐसी मानसिकता का शिकार न हो।


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(रोहित राजवैद्य की रिपोर्ट) Bundelivarta.com

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