टीकमगढ़ न्यूज़ | मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले के एक मजदूर की गोंडवाना एक्सप्रेस में सफर के दौरान मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि यह मौत सामान्य नहीं थी, बल्कि जीआरपीएफ जवानों की बर्बरता का नतीजा थी। मृतक का नाम रामदयाल अहिरवार था, जो पलेरा कस्बे का रहने वाला था और अपने बेटे विशाल के साथ दिल्ली जा रहा था।
रामदयाल 21 अप्रैल की रात ललितपुर से जनरल डिब्बे में सवार हुए थे। रास्ते में रात करीब ढाई बजे वे बाथरूम गए और फिर ट्रेन के गेट पर खड़े होकर बीड़ी पीने लगे। इसी दौरान स्लीपर कोच में तैनात जीआरपीएफ जवान आजाद ने उन्हें पकड़ लिया और बगैर वजह के मारपीट करते हुए अपने कोच में ले गया। विशाल का कहना है कि उसके पिता को वहां गंभीर रूप से पीटा गया और फिर छोड़ दिया गया।
रामदयाल जैसे-तैसे अपनी सीट पर लौटे लेकिन उनकी हालत बहुत खराब थी। उन्होंने अपने बेटे को पूरी घटना बताई और तभी अचानक गिर पड़े। थोड़ी ही देर में उनकी मौत हो गई। विशाल का कहना है कि घटना के बाद वही जवान वापस आया और सफाई देने लगा कि उसने सिर्फ एक थप्पड़ मारा था।
मथुरा स्टेशन पर शव को उतारकर विशाल ने शिकायत दर्ज करानी चाही, लेकिन वहां जीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस ने न तो सहयोग किया और न ही रिपोर्ट लिखी। आरोप है कि पुलिसकर्मी उल्टा धमकाने और बहलाने की कोशिश करने लगे।
पोस्टमार्टम के बाद शव को गांव लाया गया, जहां अंतिम संस्कार कर दिया गया है। अब विशाल न्याय की मांग कर रहा है और कह रहा है कि उसके पिता की मौत के जिम्मेदार जवानों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
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(अनिल श्रीवास की रिपोर्ट) Bundelivarta.com