चित्रकूट में नर्स से दुष्कर्म के मामले में आरोपी की जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है। सत्र न्यायाधीश राकेश कुमार त्रिपाठी ने इसे गंभीर सामाजिक अपराध मानते हुए आरोपी को राहत देने से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि आरोपी पर पहले से भी दुष्कर्म का मामला दर्ज है, जिससे साफ है कि वह आदतन अपराधी है।
अस्पताल जाते समय रास्ते में रोका, जबरन किया दुष्कर्म
घटना 26 अक्टूबर 2024 की है। 23 वर्षीय नर्स ड्यूटी के लिए अस्पताल जा रही थी। रास्ते में जंगल के पास मोटरसाइकिल सवार एक व्यक्ति ने उसका रास्ता रोक लिया। आरोपी ने उसे गिराकर हाथ दुपट्टे से बांध दिए और जबरदस्ती की। पीड़िता किसी तरह छूटकर वहां से भागी, लेकिन वह बेहोशी की हालत में रेलवे ट्रैक के पास मिली।
गंभीर हालत में हुआ इलाज, पुलिस ने की तत्काल कार्रवाई
घटना के बाद ग्रामीणों ने पीड़िता को बरगढ़ अस्पताल पहुंचाया, जहां उसकी हालत गंभीर होने के चलते उसे प्रयागराज रेफर कर दिया गया। मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक ने तत्कालीन बरगढ़ थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया।
11 दिन बाद आरोपी गिरफ्तार, पहले से दर्ज है दुष्कर्म का मामला
पुलिस ने पीड़िता के बयान और बताए गए हुलिए के आधार पर आरोपी का स्कैच तैयार किया। लगातार जांच और छानबीन के बाद 11 दिन बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।
आरोपी की पहचान प्रयागराज जिले के शंकरगढ़ थाना क्षेत्र के बिहरिया गांव निवासी शुभम मिश्रा उर्फ सुग्गा के रूप में हुई। पुलिस रिकॉर्ड खंगालने पर पता चला कि उसके खिलाफ पहले से ही शंकरगढ़ थाने में दुष्कर्म का एक मामला दर्ज है। इसी आधार पर कोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी और कहा कि ऐसे अपराधियों को समाज में खुला नहीं छोड़ा जा सकता।
(रोहित राजवैद्य की रिपोर्ट) Bundelivarta.com