झांसी मेडिकल कॉलेज में हाहाकार: भूखे पेट काम, तीन महीने से वेतन गायब, कर्मचारी उतरे सड़कों पर

आशुतोष नायक
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झांसी, उत्तर प्रदेश: महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार को हालात बेकाबू हो गए। तीन महीने से वेतन के लिए तरस रहे आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का सब्र टूट गया और वे सड़कों पर उतर आए। कॉलेज के गेट नंबर एक पर वार्डबॉय और सफाई कर्मचारियों ने जमकर हंगामा किया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।


भूखे पेट काम, घर चलाना मुश्किल

कर्मचारियों का कहना है कि तीन महीने से उन्हें वेतन नहीं मिला है, जिससे उनके घरों में चूल्हे बुझने की कगार पर हैं। 20 दिनों से कंपनी सिर्फ झूठे वादे कर रही है और अधिकारी भी उनकी शिकायतों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। ऐसे में, उनके पास हड़ताल के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा था।

400 से ज्यादा कर्मचारी परेशान

मेडिकल कॉलेज में एक निजी कंपनी के जरिए 400 से ज्यादा आउटसोर्सिंग कर्मचारी काम करते हैं। इनमें से कई दिसंबर और जनवरी से वेतन का इंतजार कर रहे हैं। 10 फरवरी से वे लगातार कंपनी के अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन हर बार उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला है।

वार्डबॉय से झाड़ू लगवाने की धमकी

कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि उन्हें धमकी दी जा रही है कि अगर वे हड़ताल पर गए तो वार्डबॉय से झाड़ू लगवाई जाएगी। सेवाराम नाम के एक कर्मचारी ने बताया कि तीन महीने से उनके परिवार भूखे मर रहे हैं और बच्चों की स्कूल फीस भी नहीं भरी जा सकी है।

किराया न देने पर घर से निकाला

अर्चना और शशि नाम की दो महिला कर्मचारियों ने बताया कि वेतन न मिलने के कारण वे अपने घर का किराया भी नहीं दे पा रही हैं, जिसके चलते उन्हें घर से निकालने की धमकी दी जा रही है।

प्रिंसिपल का आश्वासन

मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. मयंक सिंह ने कहा है कि कंपनी को नोटिस जारी कर वेतन देने के लिए कहा गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि कर्मचारियों को जल्द ही उनका वेतन मिल जाएगा और उनसे काम पर लौटने का अनुरोध किया है।

हड़ताल का असर

कर्मचारियों की हड़ताल से मेडिकल कॉलेज की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। मरीजों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

कर्मचारियों की मांगें

 * तीन महीने का बकाया वेतन तुरंत जारी किया जाए।

 * कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

 * भविष्य में समय पर वेतन देने की गारंटी दी जाए।

यह घटना झांसी मेडिकल कॉलेज में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की दयनीय स्थिति को उजागर करती है। प्रशासन को इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए ताकि कर्मचारियों को उनका हक मिल सके और मरीजों को परेशानी न हो।


(रोहित राजवैद्य की रिपोर्ट) Bundelivarta.com 

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