महोबा जिला अस्पताल परिसर स्थित सार्वजनिक शौचालय में एक महिला के साथ अभद्रता का मामला सामने आया है। यह घटना उस समय हुई जब गोरखपुर निवासी दुर्गेश देवी, जो बागेश्वर धाम की यात्रा पर थीं, महोबा बस अड्डे पर विश्राम के लिए रुकीं। उन्होंने शौचालय का उपयोग करने के लिए शुल्क अदा किया, लेकिन वहां तैनात कर्मचारियों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया।
शौचालय कर्मचारियों पर गंभीर आरोप
पीड़िता के अनुसार, शौचालय में मौजूद कर्मचारियों ने उनके साथ बदसलूकी की और अपशब्द कहे। आरोप है कि कर्मचारियों ने न केवल दुर्व्यवहार किया, बल्कि उन्हें लात मारकर बाहर निकालने की धमकी भी दी। इस घटना से पीड़िता बेहद आहत हुईं और उन्होंने तुरंत शहर कोतवाली पुलिस और नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी से शिकायत की।
नगर पालिका की त्वरित कार्रवाई
शिकायत मिलने के बाद नगर पालिका प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया और तत्काल प्रभाव से शौचालय में तैनात ठेकेदार के कर्मचारियों को हटा दिया। साथ ही, उनका सामान भी बाहर निकलवा दिया गया। प्रशासन ने शौचालय में ताला लगाकर इसे अस्थायी रूप से बंद कर दिया।
शौचालय कर्मियों ने खुद को बताया निर्दोष
वहीं, दूसरी ओर शौचालय में तैनात कर्मचारी कुलदीप मिश्रा और उनकी पत्नी कांति ने अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताया। उनका कहना है कि उन्होंने किसी भी प्रकार की अभद्रता नहीं की और बेवजह उन्हें इस मामले में फंसाया जा रहा है।
प्रशासन की कार्रवाई के बाद पीड़िता रवाना
नगर पालिका और प्रशासनिक अधिकारियों के हस्तक्षेप और आश्वासन के बाद पीड़िता दुर्गेश देवी ने राहत महसूस की और अपने गंतव्य बागेश्वर धाम के लिए रवाना हो गईं। इस घटना ने सार्वजनिक शौचालयों में कर्मचारियों के व्यवहार पर सवाल खड़े कर दिए हैं और नगर प्रशासन से इनके बेहतर संचालन की मांग भी तेज हो गई है।
(रोहित राजवैद्य की रिपोर्ट) Bundelivarta.com