टीकमगढ़ न्यूज़ | टीकमगढ़ जिले की सिमरा खुर्द गौशाला में अव्यवस्थाओं का आलम यह है कि जहां महज़ 100 गायों को रखने की क्षमता है, वहीं करीब 2000 से अधिक आवारा मवेशी गांव और मुख्य मार्गों पर दिन-रात घूम रहे हैं।
सड़क जाम और हादसों का खतरा
जतारा-मऊरानीपुर, जतारा-टीकमगढ़ और जतारा-छतरपुर मार्गों पर आए दिन इन मवेशियों के कारण जाम की स्थिति बन जाती है। अचानक झुंड के सड़क पर आ धमकने से कई बार गंभीर दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं। ग्रामीणों का कहना है कि स्कूल जाने वाले बच्चों, बाइक सवारों और बस यात्रियों को रोजाना जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ता है।
किसानों को भारी नुकसान
आवारा मवेशियों के कारण किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दिन-रात खेतों में खड़ी फसलें चर जाने से उन्हें भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। बावजूद इसके न तो गौशाला संचालक जिम्मेदारी निभा रहे हैं और न ही जिला प्रशासन कोई ठोस कदम उठा रहा है।
अनुदान कागजों पर, व्यवस्था धरातल पर शून्य
ग्रामीणों का आरोप है कि गौशालाओं के लिए सरकार से हर महीने लाखों रुपये का अनुदान मिलता है, लेकिन जमीन पर न तो पशुओं के लिए चारा है, न पानी और न ही देखभाल की व्यवस्था। यही वजह है कि हजारों मवेशी गांव और खेतों में भटकने को मजबूर हैं।
प्रशासन की चुप्पी पर फूटा जनाक्रोश
लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो वे सामूहिक आंदोलन और सड़क जाम करने को मजबूर होंगे।
जनता की प्रमुख मांगें
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गौशालाओं की जांच कर जिम्मेदारों पर कार्रवाई हो।
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आवारा पशुओं को तत्काल गौशाला में रखा जाए।
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किसानों को फसलों के नुकसान की भरपाई मिले।
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मुख्य मार्गों पर यातायात की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।