झांसी न्यूज़। पत्रकारिता में विश्वसनीयता और संवेदनशीलता की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक है। संवाद की गुणवत्ता ही पत्रकारिता की आत्मा है। यह बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचार प्रमुख सुभाष जी ने रविवार को बुन्देलखण्ड महाविद्यालय के स्वर्ण जयंती सभागार में कही। वे महर्षि नारद जयंती समारोह समिति द्वारा आयोजित संगोष्ठी "वर्तमान परिदृश्य और मीडिया की भूमिका" विषय पर मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे।
सुभाष जी ने कहा कि पत्रकारिता कभी मिशन हुआ करती थी, लेकिन अब वह केवल प्रोफेशन बनकर रह गई है। संवाद की सार्थकता ही समाज में परिवर्तन का आधार बन सकती है। पत्रकार को समाज के प्रति उत्तरदायी रहकर निडरता और निष्पक्षता से कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सत्यनारायण कथा के प्रचार का श्रेय भी महर्षि नारद को जाता है, जिन्होंने संवाद के जरिए जन-जागरूकता फैलाई। पत्रकारों को भी इसी परंपरा से प्रेरणा लेकर कार्य करना चाहिए।
जल और पर्यावरण पर भी जरूरी है पत्रकारिता : उमाशंकर पांडेय
मुख्य अतिथि पद्मश्री उमाशंकर पांडेय ने कहा कि आज जल संकट वैश्विक चिंता का विषय है। जल है तो कल है, इसलिए अब मीडिया को जल और पर्यावरण के मुद्दों पर भी सक्रियता से काम करना होगा। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड कभी सूखा माना जाता था, लेकिन आज यहां से विदेशों में चावल का निर्यात हो रहा है। यह बदलाव केवल जन-जागरूकता से संभव हुआ है। उन्होंने बोतलबंद पानी की संस्कृति पर सवाल उठाते हुए चेताया कि आने वाला विश्व युद्ध पानी के लिए हो सकता है।
सांस्कृतिक वातावरण में हुआ आयोजन
कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती एवं देवर्षि नारद की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन से हुई। पत्रकार सरिता सोनी ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की, वहीं एडीजीसी रवि गोस्वामी ने एकल गीत के माध्यम से देशभक्ति का भाव जगाया।
वरिष्ठ जनों ने रखा विचार, युवाओं से संवाद
कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार वाई.के. शर्मा और रामकुमार साहू ने अतिथियों का स्वागत किया। स्मृति चिन्ह पॉलीग्राफ के संपादक ए.के. श्रीवास्तव और पत्रकार दीपक चंदेल ने भेंट किए। संचालन महेश पटैरिया ने किया और आभार डॉ. जितेन्द्र मिश्रा ने व्यक्त किया।
विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियों की उपस्थिति
संगोष्ठी में एमएलसी रमा आर.पी. निरंजन, भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय मंत्री रामनरेश तिवारी, समाजसेवी मैथिली शरण मुद्गिल, पार्षद लखन कुशवाहा, प्रवीण लखेरा, मंगल श्रीवास्तव, अधिवक्ता संजय देव शर्मा, योगेश पटैरिया, वैभव सिंह, दीपक त्रिपाठी, पत्रकार रोहित झा सहित सैकड़ों पत्रकार व स्वयंसेवक मौजूद रहे।
इस संगोष्ठी ने पत्रकारिता के मूल्यों, सामाजिक उत्तरदायित्व और संवाद की गरिमा पर एक सार्थक विमर्श प्रस्तुत किया।
(रोहित राजवैद्य की रिपोर्ट) Bundelivarta.com